-सुभाष गाताडे
संविधान लागू होने के 68 साल बाद जब जाति, लिंग, नस्ल आदि आधारित हर किस्म के भेदभाव से मुक्ति का संकल्प लिया गया था और उसके लिए क़ानून भी बने थे. चंद ख़बरें ऐसी आती हैं जो उजागर करती हैं कि हम वहीं क़दमताल कर रहे हैं. चीजें बदस्तूर वैसी ही चल रही हैं.